Assets and Liabilities Meaning in Hindi | एसेट और लायबिलिटी में क्या अंतर है?

Assets and Liabilities Meaning in Hindi = संपत्ति और दायित्व होता है। Assets (संपत्ति ) वह होता है जो आपके जेब में पैसे डाले, Liabilities (दायित्व या देनदारी ) वह होता है जो आपके जेब से पैसे निकाले।

दूसरे शब्दों में :

Assets and Liabilities: वह सभी चीज़ें जिनसे किसी व्यक्ति , कंपनी या संस्था को आर्थिक लाभ होता है वह चीज़ें Assets होती है। ऐसी चीजें जो किसी व्यक्ति, कंपनी या संस्था के लिए क़र्ज़ की तरह होती हैं या उन चीजों से पैसे खर्च होते हैं उन्हें Liabilities कहते हैं

Assets and Liabilities Meaning in Hindi with example

ऐसी वस्तुएँ (ऐसी चीजें ) जिनसे आपको पैसा मिले आर्थिक लाभ हो वे Assets होते हैं और जो वस्तुएँ (चीजें ) आपसे पैसा खर्च करवाएं वे Liabilities होती हैं।

Examples:

किराये पर दिए गए घरों से मिलने वाला Income, Shops, Stocks, Franchise Business तथा Bills (बिजली का बिल ), घर को मेंटेन कराने के लिए ख़र्चे , वाहनों के सर्विस के खर्चे आदि, ये सब क्रमश: Assets and Liabilities के examples हैं।

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Examples of Assets and Liabilities

Assets Liabilities
Cash Bank लोन
Shops Bills
Investments Taxes
Office equipmentSalaries payable
Real estateAccounts payable
PatentExpense

Difference Between Assets and Liabilities in Hindi (एसेट और लायबिलिटी में क्या अंतर है?)

एसेट और लायबिलिटी में अंतर (Assets aur Liabilities me antar):

Assets वे वस्तुएं जो आपके या आपकी कंपनी के पास हैं और जो भविष्य में आर्थिक लाभ प्रदान कर सकती हैं। Liabilities वह होती हैं जो आपसे या आपकी कंपनी से खर्चे करा सकती है या अन्य पक्षों को देनी होती हैं।

Assets Liabilities
ऐसी चीजें जो आर्थिक लाभ प्रदान करती हैं। ऐसी चीजें जो दायित्व या कर्ज हैं।
Assets पैसे बढ़ाने (उतपन्न )करने वाले होते हैं। Liabilities पैसे घटाने (ख़र्चे ) करने वाले होते हैं।
Assets आपकी कंपनी में मूल्य जोड़ती है और आपकी कंपनी की इक्विटी बढ़ाती है। Liabilities आपकी कंपनी के मूल्य और इक्विटी को कम करती हैं।
Assets के प्रकार Current assets, non-current assets, tangible assets, intangible assets, operating assets हैं। Liabilities के प्रकार Notes payable, accounts payable, interest payable, owner equity, creditor bond हैं।
इसमें Property, patent, Trademark, Account Receivable, Goodwill, Investments, copyright, Brand आदि जैसे चीजें होती हैं। इसमें Wages Payable, Income Tax Payable, Accounts payable, Interest payable, Deferred revenue, short terms loans आदि जैसे चीजें होती हैं।

Balance sheet को 2 भागों में विभाजित किया जाता है- Assets और Liabilities

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What is Assets in Hindi (Assets क्या होता है)?

Assets आर्थिक मूल्य वाला एक संसाधन की तरह होता है जिसे कोई व्यक्ति, कंपनी या देश इस उम्मीद के साथ नियंत्रण करता (रखता) है कि यह (वस्तु, चीज) भविष्य में लाभ प्रदान करेगा।

Assets भविष्य में नकद पैसा उत्पन्न कर सकती है और खर्च कम कर सकती है, जैसे चाहे वह Property हो , उपकरण हो या पेटेंट हो ।

जब किसी कंपनी की Balance sheet पर संपत्ति की सूचना दी जाती है, तो उन्हें वर्तमान, वित्तीय और intangible के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये सब किसी कंपनी के मूल्य को बढ़ाने या संचालन को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया या खरीदा जाता है।

मुख्य बिंदु

  • Assets आर्थिक मूल्य को भविष्य में लाभ प्रदान करता है।
  • Assets नकदी पैसा उत्पन्न कर सकती है।
  • Assets खर्च कम कर सकती है।
  • किसी कंपनी की बैलेंस शीट पर Assets (संपत्ति) की सूचना दी जाती है।
  • Assets किसी भी कंपनी में मूल्य जोड़ती है और आपकी कंपनी की इक्विटी बढ़ाती है।
  • Assets को किसी कंपनी , व्यक्ति के मूल्य को बढ़ाने या संचालन को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया या खरीदा जाता है।
  • Assets को Current assets, non-current assets, tangible assets, intangible assets, operating assets के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।

Assets के प्रकार (Types of Assets in Hindi)

  • Current Assets
  • Fixed Assets
  • Financial Assets
  • Intangible Assets
1. Current Assets (वर्तमान संपत्ति)

Accounting में कुछ Assets को चालू कहा जाता है। Current Assets थोड़े समय के लिए आर्थिक संसाधन होते हैं। इनको 1 वर्ष के अंदर नकदी में परिवर्तित होने होने की उम्मीद रहती है।

Current Assets में कैश (नकद) और नकद के समकक्ष, इन्वेंट्री और विभिन्न प्रीपेड खर्च शामिल हैं। कैश का मूल्यांकन करना आसान है, कंपनियां समय-समय पर इन्वेंट्री और प्राप्य खातों की पुनर्प्राप्ति का पुनर्मूल्यांकन करते हैं।

2. Fixed Assets (निश्चित या अचल संपत्ति)

Fixed Assets एक वर्ष से अधिक समय के लिए रहने वाले संसाधन हैं, जैसे उपकरण , भवन और पौधे ।

Fixed Assets की उम्र बढ़ने के साथ उनके लिए मूल्य में होने वाली कमी नामक लेखांकन का समायोजन किया जाता है।

मूल्य में होने वाली कमी (Fixed Assets)अचल संपत्ति की कमाई की शक्ति के नुकसान को रोक भी सकता है और नहीं भी रोक सकता।

3. Financial Assets (वित्तीय संपत्ति)

Financial Assets अन्य संस्थानों की Assets और securities में निवेश का प्रतिनिधित्व करती हैं। Financial Assets का मूल्यांकन अंतर्निहित सुरक्षा और बाजार आपूर्ति और मांग के अनुसार किया जाता है।इसमें स्टॉक, कॉर्पोरेट बॉन्ड, पसंदीदा इक्विटी, सॉवरेन और अन्य हाइब्रिड securities शामिल हैं।

4. Intangible Assets (अमूर्त संपत्ति)

Intangible Assets का कोई भौतिक उपस्थिति नहीं होती है, ये आर्थिक संसाधन हैं। जैसे ट्रेडमार्क, पेटेंट और कॉपीराइट शामिल हैं।

Intangible Assets का लेखांकन Assets के प्रकार के आधार पर भिन्न होता है। अमूर्त संपत्ति का हर साल या तो परिशोधित किया जा सकता है या हानि के लिए परीक्षण किया जा सकता है।

What is Liabilities in Hindi (Liabilities क्या होता है)?

Liabilities (देनदारी या दायित्व ) वे चीज़े होती हैं जो किसी व्यक्ति या कंपनी पर बकाया होती है, जैसे पैसे। दायित्व या देनदारियों को पैसे, सामान या सेवाओं सहित आर्थिक लाभों के हस्तांतरण के माध्यम से समय के साथ किया जाता है।

Liabilities वे चीजें हैं जो आपको देना है या उनके बदले पैसे देना है या बकाया हैं। Liabilities (दायित्व) उन चीज़ों को प्रदर्शित करती हैं जिनका आप पर उधार या बकाया है।

बैलेंस शीट के बायीं तरफ Assets और दाईं ओर Liabilities लिखी होती हैं जिनमे उधार (ऋण) , देय खाते, बंधक, बांड, वारंटी, आस्थगित राजस्व और अर्जित व्यय शामिल हैं।

मुख्य बिंदु

  • Liabilities (देनदारी) वे चीज़ है जो किसी और पर बकाया होती है।
  • Accounting में कंपनियाँ Assets के उल्टे पक्ष में Liabilities दर्ज करती हैं।
  • देनदारी या दायित्व का अर्थ कानूनी या नियामक जोखिम भी हो सकता है।
  • वर्तमान Liabilities एक कंपनी की अल्पकालिक वित्तीय देनदारियां हैं जो एक वर्ष या सामान्य चक्र के भीतर देनी होती हैं।

Liabilities के प्रकार (Types of Liabilities in Hindi)

बिज़नेस में Liabilities, 2 प्रकार के होते हैं ; 1. Current 2. Non-Current

1.Current Liabilities (Short-term liabilities)

इसमें यह देखा जाता हैं कि क्या एक कंपनी मौजूदा देनदारियों का भुगतान नकद के साथ कर सकती है, जो एक वर्ष के भीतर देना हैं।

Short-term liabilities के कुछ उदाहरण जैसे: payroll expenses and accounts payable हैं, जिसमें विक्रेताओं को मासिक उपयोगिताएं, बकाया पैसा और इसी तरह के खर्च शामिल होते हैं।

2. Non-Current Liabilities (Long-term liabilities)

Long-term liabilities में होती है जो liabilities निकट अवधि की नहीं है। ये Non-Current Liabilities के अंतर्गत आती है, जिसका भुगतान 12 महीने या उससे अधिक में होने की उम्मीद होती है।

Non-Current Liabilities (दीर्घकालिक ऋण), जिसे देय बांड के रूप में भी जाना जाता है, आमतौर पर सबसे बड़ी देनदारी है और सूची में सबसे ऊपर होती है।

कंपनियां बांड जारी करके अपने चल रहे दीर्घकालिक परिचालन का कुछ हिस्सा वित्तपोषित करती हैं, जो अनिवार्य रूप से बांड खरीदने वाली प्रत्येक पार्टी से ऋण होता है।

Assets and Liabilities Meaning in Hindi से सम्बंधित FAQs


एसेट और लायबिलिटी में क्या अंतर है?

ऐसी वस्तुएँ (ऐसी चीजें ) जिनसे किसी व्यक्ति , कंपनी या संस्था को आर्थिक लाभ होता है वह चीज़ें Assets होती है।
जो वस्तुएँ (चीजें ) जो किसी व्यक्ति, कंपनी या संस्था के लिए क़र्ज़ की तरह होती हैं या उन चीजों से पैसे खर्च होते हैं उन्हें Liabilities कहते हैं


लायबिलिटी का मतलब क्या होता है?

लायबिलिटी – दायित्व या देयता या देनदारी होता है जो किसी व्यक्ति या कंपनी का बकाया होती है जो आम तौर पर पैसा होती है। जिसे समय के साथ देना होता है।

Assets में क्या क्या आता है?

Assets में जमीन (भूमि) , पैसे , स्टॉक्स , ऑफिस के मशीन आदि आते हैं।

कुल संपत्ति और कुल देनदारियों में क्या अंतर है?

कुल संपत्ति आपकी नकदी (पैसे, पैसे , स्टॉक्स ), आपके द्वारा खरीदी गई वस्तुओं और आपके ग्राहकों द्वारा दी गई किसी भी धनराशि का योग होता है।
कुल देनदारियाँ वह कुल राशि है जो आप पर लेनदारों को बकाया है, या जो पूरा बकाया कर्ज देना है।
capital या Equity = Assets – Liabilities.

Assets and Liabilities Meaning in Hindi (Conclusion)

इस पोस्ट – Assets and Liabilities Meaning in Hindi और Difference Between Assets and Liabilities in Hindi में हमने Assets और Liabilities के बारे में जाना।

  • Assets भविष्य में आर्थिक लाभ प्रदान करते हैं।
  • liabilities, वित्तीय दायित्व हैं, जिन्हें भविष्य में चुकाने की आवश्यकता होती है।
  • बैलेंस शीट में, Assets को दाईं ओर और liabilities को बाईं ओर रखा जाता है।
  • Assets के उदाहरण: भूमि , Stocks , पेटेंट, पैसे, आदि आते हैं और liabilities के उदाहरण: लोन ,टैक्स , बिल, ओवरड्राफ्ट, आदि।

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